१७ दिसम्बर को मुंबई के IMPPA यानि इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोडूसर्स एसोसिएशन में शाहरुख खान के हमशक्ल 'राजू रहिकवार' की जीवनी 'शाहरुख बनना आसान नहीं' लांच होगी;अपनी जीवनी जारी करने वाले अन्य अभिनेताओं के विपरीत शाहरुख खान के हमशक्ल राजू रहिकवार इस बात को लेकर चर्चा में हैं।
बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार शाहरुख खान लंबे समय से अपनी शानदार ऑन-स्क्रीन अदाकारी के लिए जाने जाते रहे हैं। उन्होंने विभिन्न शैलियों में एक साथ काफी हिट फ़िल्में दी हैं और उनकी जोड़ी को आज भी याद किया जाता है। हाल ही में एक विशेष साक्षात्कार में, माधुरी ने अंजाम और कोयला में अपनी गहन भूमिकाओं के बाद शाहरुख को एक रोमांटिक फिल्म में अभिनय करने के लिए कहने के बारे में एक दिलचस्प किस्सा साझा किया, जहां उन्होंने कठिन, परेशान परिस्थितियों में पात्रों को चित्रित किया था। उनकी इच्छा के कारण दिल तो पागल है में उनका प्रतिष्ठित सहयोग हुआ।
यह सिनेमा के इतिहास में पहली बार होगा जब किसी सितारे का हमशक्ल उसकी अपनी जीवनी की पुस्तक जारी करेगा। राजू की जीवनी में उनके जीवन के सफर को दर्शाया जाएगा। यह मुंबई और मनोरंजन उद्योग में उनके संघर्षों को रेखांकित करता है।
'शाहरुख बनना आसान नहीं' में भारत के सबसे प्रसिद्ध सुपरस्टारों में से एक, शाहरुख खान के हमशक्ल के रूप में उनकी यात्रा को दिखाया गया है। इसमें दिखाया जाएगा, "दो लोगों का चेहरा एक जैसा हो सकता है, लेकिन उनकी किस्मत एक जैसी हो ऐसा नहीं होता"
अभिनेता शाहरुख़ खान के संघर्षों के समान, रहिकवार की भी विनम्र शुरुआत थी। वह कुछ समय तक बिना भोजन के रहे, सड़कों पर सोए और अपने सपनों को पूरा करने के लिए वड़ा पाव खाकर जिन्दा रहे।
शाहरुख़ खान के हमशक़्ल राजू बताते हैं की उनकी शखरुख की लाइफ से प्रेरित जीवनी में कई कहानियाँ भी शामिल होंगी कि कैसे जिसे सपनों का शहर भी कहा जाता है, उसी मुंबई ने उन्हें कठिनाइयों से लड़ना सिखाया। वह इस उम्मीद से शहर आए थे कि उनकी समानता उन्हें सफलता दिलाएगी, लेकिन इसके बजाय, उन्होंने फिल्म उद्योग में कठिन सबक सीखे। नतीजतन, उसे पता चलता है कि सुपरस्टार किसी से अलग नहीं है। उनमें बेजोड़ करिश्मा, प्रतिभा और कड़ी मेहनत होती है,कोई ऐसे ही नहीं सुपर स्टार बन जाता।
उनकी जीवनी "शाहरुख बनना आसान नहीं" न केवल राजू रहिकवार की कहानियों को प्रदर्शित करेगा बल्कि शाहरुख खान की विरासत और उनके प्रभाव को भी प्रतिबिंबित करेगा, जिन्होंने अन्य के अभिनेताओं के विपरीत अपने प्रशंसकों के दिलों में एक विशेष स्थान बनाया है।
थिएटर और टीवी शो से अपना करियर शुरू करने वाले शाहरुख खान ने 1992 में ऋषि कपूर और दिव्या भारती की सह-कलाकार वाली फिल्म "दीवाना" से फिल्मों में डेब्यू किया था। उन्होंने दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे, बाजीगर, करण अर्जुन, कल हो ना हो, वीर-ज़ारा, पठान और जवान जैसी लोकप्रिय फिल्मों में बेहतरीन अभिनय किया।
राजकुमार हिरानी की फिल्म "डंकी" में तापसी पन्नू के साथ देखा गया था, और अब वे सुजॉय घोष की फिल्म किंग में दिखाई देंगे, जहां वह पहली बार अपनी बेटी सुहाना खान के साथ स्क्रीन पर एक बार फिर से दर्शकों का दिल लूटते हुए नज़र आएंगे ।
जिस तरह से कठिनाइयों से लड़ कर सुपरस्टार की कुर्सी पर विराजमान शाहरुख़ खान हर फिक्र को धुएं में उड़ा देते हैं। बस कुछ इसी तरह राजू रहिकवार का भी कहना है की "हर फिक्र को धुएं में उडाता चला गया। "
- अरुण कमल
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