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Thursday, 2 July 2020

फिल्म "ये है मेरा वतन" के सातवें पोस्टर से आयी बेपनाह मोहब्बत में जान देने की आवाज़

फिल्म "ये है मेरा वतन" के सातवें पोस्टर में "मृदुला महाजन"

लेखक, निर्माता, निर्देशक "मुश्ताक़ पाशा" की फिल्म "ये है मेरा वतन" के आज तक हमने जितने भी पोस्टर देखे हैं उनमे हमेशा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सामने वाले की जान लेने की कोशिश जाती रही है।

अभी तक हम पोस्टर पर लिखे डायलॉग से कुछ ना कुछ कहानी बनाने की कोशिश कर ही रहे थे कदम दर कदम मंजिल की ओर बढ़ ही रहे थे रास्ते पर चलते जा रहे थे कि अचानक हमारे सामने एक टी पॉइंट आ गया जहाँ से या तो हम या तो लेफ्ट जा सकते थे, या फिर राइट, लेकिन तभी फिल्म के अगले पोस्टर के डायलॉग से एक लड़की की आवाज आती है। पर यहाँ पहले की तरह जान लेने नहीं बल्कि जान देने की आवाज है, फिल्म के सातवें पोस्टर का डायलॉग है ...
"कसम खुदा की आपके इंतज़ार में कभी हमारी जान निकल जाएगी"
ये आवाज़ है फिल्म के सातवें पोस्टर के किरदार की, इस पोस्टर में नज़र आ रही हैं अभिनेत्री "मृदुला महाजन" जिन्होंने इस फिल्म में "फ़िदा" का किरदार निभाया है।

फिल्म में अब तक कहानी की डायलॉग में ही बात हो रही थी वो भी तलवार, गोली, बन्दूक, बारूद और शोलों की लेकिन पहली बार फिल्म में शोलों के ऊपर शबनम बरसती दिखी, जैसे अचानक पतझड़ के बाद बहार आ गयी हो।

फिल्म के पोस्टरों से नफरत पैदा करने वाले डायलॉग के बाद अचानक बेपनाह मोहब्बत वाले डायलॉग ने फिल्म की कहानी को लेकर और भी कौतूहल पैदा कर दिया है, अब पता नहीं अगले पोस्टर से क्या निकलता है। अब तो बस इंतज़ार है अगले पोस्टर का। अब देखते हैं फिल्म के डायरेक्टर हमें कहानी का कौन सा चौराहा दिखाते हैं .

- अरुण कुमार कमल
"मृदुला महाजन" के साथ लेखक, निर्माता, निर्देशक- "मुश्ताक़ पाशा"

Monday, 8 June 2020

फिल्म "ये है मेरा वतन" के पांचवे पोस्टर से खड़ा हुआ ये बवाल !


फिल्म "ये है मेरा वतन'' के चौथे पोस्टर में "राणा जुंग बहादुर"

जैसे की आप जानते ही हैं लेखक, निर्माता, निर्देशक "मुश्ताक़ पाशा" की फिल्म "ये है मेरा वतन" के पोस्टर जैसे-जैसे रिलीज़ होते जा रहे है वैसे-वैसे लोगों की जिज्ञासा फिल्म के प्रति बढ़ती जा रही है। शुरू से अगर हम रिलीज़ हो चुके पोस्टरों पर नज़र डालें तो...

सबसे पहले "प्रमोद माउथो" अपने पोस्टर में कह रहे हैं...
"हम तो खुशकिस्मत थे कि पाकिस्तान आ गए उनके बारे में सोचो जो नहीं आ पाए…।"

इसके बाद "यशपाल शर्मा" ने अपने पोस्टर में कहा...
"तुम पाकिस्तान तो चले गए ! मगर पाकिस्तानी आज तक नहीं कहलाये मुहाजिर कहलाते हो मुहाजिर"

तीसरे पोस्टर में "विष्णु शर्मा" ने कहा...
"इससे पहले की टेरेरिस्ट अपना ट्रेनिंग कैंप छोड़ कर जाये हम अपने मिसाइल उनपर छोड़ देंगे"

जहर उगलते चौथे पोस्टर में शक्कू राणा ये कहते हुए नज़र आये...
"इस आग से पाकिस्तान को जलाओगे क्या ?, बचाके रखो इसे इंडिया को जलाने के लिए"

अनलॉक के बाद अब पांचवा पोस्टर आ गया है और पांचवे पोस्टर से निकले हैं "राणा जंग बहादुर" जिनके मुंह से निकला ये डायलॉग वतनपरस्ती पर खड़ा करता है कई सवाल ! राणा के मुँह से निकला ये विवादित सवाल...
"ओये कबूतरा !! ईद के दिन गले मिलने से घबरा रहा है कहीं तूने कमर पे बम तो नहीं बांध रखा है ? "

श्रोतागण हम तो सचमुच कन्फुज हो गए है इस घडी,
देखते है मुस्ताक पाशा कहाँ से कहाँ जोड़ते हैं वतनपरस्ती की कड़ी।

- अरुण कुमार कमल 
लेखक, निर्माता, निर्देशक "मुश्ताक़ पाशा"