रामनामी समुदाय वास्तव में सामाजिक विभेद के दुष्परिणामों को इंगित करती हुई और एक समुदाय द्वारा अपने आराध्य के प्रति श्रद्धा भाव को अन्यत्र तरीके से प्रस्तुत करने का तरीका भी सिखाती है । इसमें किसी के प्रति भी अहंकार और विद्वेष की कोई गुंजाइश नहीं है ।
विजेंद्र प्रताप बरेठ और तौसीफ आलम द्वारा लिखित, "रामनामी समुदाय" गरीबी और भेदभाव की दोहरी चुनौतियों का सामना करने वाले एक समर्पित व्यक्ति सुखीराम की कहानी कहती हुई लघु फिल्म है । इस कहानी के जरिये हम रामनामी समुदाय की परेशानियों और चुनौतियों से भी रूबरू होंगे । इसमें उनकी जीवन शैली और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा ।
दरअसल मानवीय भावनाओं को संवेदनात्मक रूप से उजागर करने वाली कहानियों को प्रदर्शित करके मास्क टीवी सहानुभूति, समझ और एकता की दिशा में बाकी के प्लेटफार्म से एक कदम आगे चल रही है । और आज के युग मे यह अपनेआप में बहुत बड़ी सफलता है की आप दर्शक वर्ग के मिज़ाज को भांप गए हैं । यदि दर्शकों की पसन्द और नापसंद का इतना ख्याल रखा जाए तो दर्शकों के लिए सम्पूर्ण मनोरंजन इकट्ठे ही मिल सकता है । जो कि करने में मास्क टीवी सफल है ।
मास्क टीवी ओ टी टी प्लेटफ़ॉर्म की चैनल प्रोड्यूसर मानसी भट्ट के अनुसार “रामनामी समुदाय “ के माध्यम से हम समाज के एक उपेक्षित तबके की कठिनाइयों परेशानियों को उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं और यह भी दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि कैसे यह समुदाय इतनी परेशानियों के बावजूद भी भगवद्भक्ति में एकाग्रचित होकर लीन है । अब आप सभी इस रामनामी समुदाय के जरिये एक अविस्मरणीय सिनेमाई अनुभव के लिए तैयार रहें
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