Friday, 25 October 2024

सिनेमा डिजिटल प्रिंट वितरण: UVT-D2T के साथ एक नए युग की शुरुआत

 

 


सिनेमा वितरण की दुनिया एक क्रांति के कगार पर है, और इस परिवर्तन में सबसे आगे UVT-D2T है। यूवीटी सिनेमाज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पेश की गई यह अत्याधुनिक तकनीक फिल्मों को बड़े पर्दे पर लाने के तरीके को नया आकार देने का वादा करती है। यूवीटी सिनेमाज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ कुमार आदर्श के साथ एक विशेष बातचीत में, हमने इस अग्रणी तकनीक के सार और सिनेमा वितरण परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला।


फिल्म निर्माताओं और वितरकों को सशक्त बनाना

आदर्श इस बात पर जोर देते हैं कि UVT-D2T सिर्फ एक तकनीक नहीं है; यह सिनेमा वितरण में एक आदर्श बदलाव है। "पारंपरिक मॉडल में, वितरण में निर्माताओं द्वारा उनकी फिल्मों की नाटकीय रिलीज का प्रबंधन करने के लिए नियुक्त कॉपीराइट प्राधिकारी शामिल होते हैं। UVT-D2T के साथ, हम स्थिति बदल रहे हैं," वे बताते हैं। यह क्रांतिकारी तकनीक फिल्म निर्माताओं और वितरकों को अपनी सामग्री को सीधे सिनेमाघरों तक डिजिटल रूप से पहुंचाकर अपनी फिल्मों की वितरण यात्रा की जिम्मेदारी लेने का अधिकार देती है।


अद्वितीय सुरक्षा

UVT-D2T के मूल में सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता निहित है। आदर्श इस बात पर जोर देता है कि UVT-D2T 100% सुरक्षित सामग्री वितरण प्रक्रिया सुनिश्चित करता है, फिल्मों को पायरेसी और अनधिकृत पहुंच से बचाता है। उन्होंने कहा, "हमारी तकनीक वास्तविक समय में फिल्मों को एन्क्रिप्ट करती है और चलाती है, जिससे डिक्रिप्टेड प्रतियों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। यह न केवल सामग्री के सार की रक्षा करती है बल्कि संभावित पायरेसी खतरों के खिलाफ एक मजबूत सुरक्षा भी प्रदान करती है।" इस मजबूत सुरक्षा तंत्र में यह परिभाषित करने की क्षमता है कि फिल्म निर्माता सामग्री सुरक्षा को कैसे समझते हैं।


सभी हितधारकों के लिए वित्तीय मुक्ति

आदर्श का मानना है कि UVT-D2T वित्तीय सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करता है जैसा पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "पारंपरिक वितरण मॉडल में अक्सर सामग्री वितरण शुल्क और वर्चुअल प्रिंट शुल्क लगता है। UVT-D2T के साथ, हम इन बंधनों से मुक्त हो रहे हैं।" यह अभूतपूर्व तकनीक फिल्म निर्माताओं और वितरकों को रणनीतिक अंतराल पर विज्ञापन डालने की अनुमति देती है, जिससे राजस्व सृजन के नए रास्ते खुलते हैं। यह नया वित्तीय लचीलापन फिल्मों से उत्पन्न राजस्व को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है, जिससे रचनाकारों और वितरकों को समान रूप से लाभ होगा।


इंडस्ट्री टाइटन्स द्वारा संचालित

UVT-D2T की विश्वसनीयता उद्योग के दिग्गजों के साथ इसके सहयोग से और भी मजबूत हुई है। आदर्श गर्व से कहते हैं, "हमारी तकनीक माइक्रोसॉफ्ट द्वारा समर्थित है और Google द्वारा अनुमोदित है, जो हमारे समाधान की मजबूती और विश्वसनीयता को प्रदर्शित करती है।" इसके अलावा, पैनासोनिक और डेल जैसी प्रसिद्ध संस्थाओं के साथ साझेदारी यह सुनिश्चित करती है कि UVT-D2T के हार्डवेयर और बुनियादी ढांचे उच्चतम मानकों को पूरा करते हैं, जो पूरे स्पेक्ट्रम में निर्बाध प्रदर्शन की गारंटी देते हैं।


भारतीय सिनेमा को पुनर्जीवित करना

यूवीटी-डी2टी के लिए आदर्श का दृष्टिकोण महज तकनीकी प्रगति से कहीं आगे है; यह भारतीय सिनेमा को पुनर्जीवित करने के बारे में है। उन्होंने उत्साहपूर्वक साझा किया, "हमारा लक्ष्य निष्क्रिय सिनेमाघरों को फिर से खोलकर और फिल्मों की पहुंच का विस्तार करके भारतीय सिनेमाघरों की महिमा को फिर से स्थापित करना है।" सिनेमा स्क्रीन की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि करने की क्षमता के साथ, UVT-D2T में भारतीय फिल्म परिदृश्य को फिर से परिभाषित करने की शक्ति है, जिससे फिल्म निर्माताओं, वितरकों, थिएटर मालिकों और दर्शकों को समान रूप से लाभ होगा।


फिल्म निर्माण यात्रा को सशक्त बनाना

फिल्म निर्माताओं पर प्रभाव की चर्चा करते हुए, आदर्श का उत्साह स्पष्ट है। उन्होंने कहा, "यूवीटी-डी2टी फिल्म निर्माताओं और वितरकों को अपना डिजिटल इंटीग्रेटर बनने का अधिकार देता है।" यह सशक्तिकरण रचनाकारों को बिचौलियों और उनसे जुड़ी लागतों को दरकिनार करते हुए संपूर्ण वितरण प्रक्रिया की निगरानी करने की अनुमति देता है। वे बताते हैं, "फिल्म निर्माता अब प्रोसेसिंग से डिलीवरी तक की यात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं, लागत बचा सकते हैं और सीधा नियंत्रण हासिल कर सकते हैं।"


आगे का रास्ता तय करना

जैसे-जैसे हमारी बातचीत समाप्त होती है, आदर्श की समापन टिप्पणियाँ उस प्रौद्योगिकी के प्रति उसके जुनून को दर्शाती हैं जिसका वह समर्थन करता है। उन्होंने निष्कर्ष निकाला, "यूवीटी-डी2टी सिर्फ प्रौद्योगिकी के बारे में नहीं है; यह फिल्म वितरण को लोकतांत्रिक बनाने के बारे में है। यह फिल्म निर्माताओं को दर्शकों तक निर्बाध रूप से पहुंचने और उनके राजस्व को अधिकतम करने के लिए आवश्यक उपकरणों से लैस करने के बारे में है।" UVT-D2T के साथ, सिनेमा वितरण का भविष्य न केवल सुव्यवस्थित और सुरक्षित है बल्कि सशक्त और समावेशी भी है।


डिजिटल युग में जहां नवाचार प्रगति को प्रेरित करता है, UVT-D2T फिल्म निर्माताओं, वितरकों और थिएटर मालिकों के लिए एक नई सुबह की शुरुआत करते हुए, वादे की किरण के रूप में चमकता है। जैसा कि यूवीटी सिनेमाज प्राइवेट लिमिटेड इस कार्य का नेतृत्व कर रहा है, यह स्पष्ट है कि यूवीटी-डी2टी सिर्फ एक तकनीक नहीं है; यह एक क्रांति है जो फिल्मों के वितरण और अनुभव के तरीके को फिर से परिभाषित करने और सिनेमा वितरण में एक नई कहानी गढ़ने की ओर अग्रसर है।

- अरुण कुमार कमल



Cinema Ticket Pricing Challenges from UVT CINEMAS

 

India's film industry is indeed a paradox: a country with immense cinematic talent, a massive movie-loving population, and a long tradition of filmmaking, yet it still lags behind other countries in box office revenue. This disconnect is explained by several key challenges, but change is on the horizon. Here's a breakdown of why India’s film industry only grosses $2 billion annually and how the advent of UVT Cinemas and its D2T technology is shaping the future of entertainment:


1. Under-Screened Territory

India has a severe shortage of movie screens. With just 1 screen for every 96,300 residents, the country is vastly underserved compared to the US (1 screen per 7,800) and China (1 screen per 45,000). This scarcity means that even though there’s a massive demand for movies, fans don’t have enough theaters to watch them in, limiting ticket sales. UVT Cinemas could play a key role in alleviating this by tapping into grade 3 and grade 4 markets, providing easier access to cinemas where they are currently rare.


2. Outdated Infrastructure

Most Indian theaters are still single-screen cinemas, often operating in rural or smaller towns. These cinemas have lower ticket prices, smaller capacities, and outdated facilities, which leads to lower revenue generation compared to the multiplexes in urban areas. Multiplex cinemas, with their higher ticket prices and modern amenities, generate far more revenue per screen. However, multiplexes only account for a fraction of India’s total theaters.


3. Piracy and Middlemen in Distribution

Piracy remains a significant issue. With a lack of high-quality theaters and access to films, people often turn to pirated versions. The distribution system in India, involving multiple intermediaries, adds delays, complications, and cost inefficiencies to the release of films. This is where UVT Cinemas brings its revolutionary D2T (Direct-to-Theater) technology, which cuts out middlemen and ensures that films reach screens directly, reducing costs, speeding up releases, and minimizing piracy risks by offering better and quicker access to films in under-screened regions.


4. Limited Penetration of Multiplexes

Modern multiplexes dominate India's cities, but they’re scarce in rural and semi-urban areas, which make up the bulk of the country. A cinema revolution is needed in smaller markets. UVT Cinemas has seen this opportunity and entered grade 3 and grade 4 markets, where cinema infrastructure is weak but demand for films remains high. Through affordable multiplex models and a targeted business strategy, UVT is bringing modern cinema experiences to previously untapped regions.


5. Ticket Pricing Challenges

Indian ticket prices remain very low compared to global standards. High ticket prices in urban multiplexes cater to wealthier consumers, but the majority of the country cannot afford such prices, limiting overall revenue. By bringing modern but affordable theaters to underrepresented areas, UVT Cinemas addresses both access and affordability, allowing ticket sales to rise without alienating rural and smaller town audiences.


6. Competing with TV and Digital Streaming

With rising digital and streaming services, many Indians prefer watching films at home rather than going to theaters. While urban audiences are more inclined towards streaming, rural and semi-urban markets are still loyal to traditional cinema. UVT Cinemas is targeting these markets where a cinema outing is still culturally significant, and by delivering high-quality experiences with its D2T technology, it gives people a reason to return to theaters.


UVT Cinemas: Revolutionizing India’s Film Industry in 2024

By leveraging Direct-to-Theater (D2T) technology, UVT Cinemas is spearheading a new era in Indian entertainment, particularly in grade 3 and grade 4 markets. This innovation not only addresses the issue of piracy but also makes movie distribution faster and more cost-effective. Here’s how UVT is making waves:

Cutting out the middlemen: D2T directly connects filmmakers and cinema owners, reducing delays and distribution costs, while increasing profits for both parties.

Combating piracy: By speeding up the release process and ensuring better access to films in underserved regions, D2T greatly reduces the chances of pirated copies circulating.

Expanding access: UVT Cinemas is investing in rural and smaller town markets, bringing modern cinema to the vast, underserved parts of India. This not only fills the demand but also introduces higher-quality viewing experiences to regions where cinema infrastructure is poor.

In 2024, UVT’s impact is being seen across India, especially in non-metropolitan areas, where its affordable and modern cinema options have drawn large crowds. By democratizing access to cinema and revolutionizing distribution with D2T, UVT Cinemas is helping Indian cinema grow to match its true potential. India’s $2 billion box office may finally begin to reflect the vast love its people have for films.

In Conclusion: The key challenges in India’s film industry—lack of screens, outdated infrastructure, and piracy—are finally being addressed through innovations like UVT Cinemas and Direct-to-Theater (D2T) technology. As this revolution expands into smaller markets, India’s cinema revenue could grow exponentially, finally unleashing the $10 billion potential that has long been trapped in a $2 billion body.

By- Arun Kumar Kamal (ONI)








Thursday, 17 October 2024

Cinema Digital Print Distribution: Ushering in a New Era with UVT-D2T

Kumar Aadarsh, the CEO of UVT Cinemas Pvt Ltd

The world of cinema distribution is on the brink of a revolution, and at the forefront of this transformation stands UVT-D2T. This cutting-edge technology, introduced by UVT Cinemas Pvt Ltd, promises to reshape how films are brought to the big screen. In an exclusive conversation with Kumar Aadarsh, the CEO of UVT Cinemas Pvt Ltd, we delve into the essence of this pioneering technology and its potential to redefine the cinema distribution landscape.

Empowering Filmmakers and Distributors

Aadarsh emphasizes that UVT-D2T is not just a technology; it's a paradigm shift in cinema distribution. "In the traditional model, distribution involves copyright authorities appointed by producers to manage their films' theatrical release. With UVT-D2T, we're turning the tables," he explains. This revolutionary technology empowers filmmakers and distributors to take charge of their films' distribution journey by digitally delivering their content directly to theaters.

Unparalleled Security

At the heart of UVT-D2T lies an unwavering commitment to security. Aadarsh underscores that UVT-D2T ensures a 100% secure content delivery process, safeguarding films from piracy and unauthorized access. "Our technology encrypts and plays films in real-time, eliminating the need for decrypted copies. This not only protects the essence of the content but also provides a fortified defense against potential piracy threats," he asserts. This robust security mechanism has the potential to redefine how filmmakers perceive content protection.


Financial Liberation for All Stakeholders

Aadarsh believes that UVT-D2T paves the way for financial empowerment like never before. "The traditional distribution model often incurred content delivery charges and virtual print fees. With UVT-D2T, we're breaking free from these shackles," he notes. This groundbreaking technology allows filmmakers and distributors to insert advertisements at strategic intervals, opening new avenues of revenue generation. This newfound financial flexibility could substantially impact the revenue generated by films, benefiting creators and distributors alike.


Powered by Industry Titans

The credibility of UVT-D2T is further reinforced by its collaborations with industry giants. Aadarsh proudly states, "Our technology is supported by Microsoft and approved by Google, showcasing the robustness and reliability of our solution." Moreover, partnerships with renowned entities such as Panasonic and Dell ensure that UVT-D2T's hardware and infrastructure meet the highest standards, guaranteeing seamless performance across the spectrum.


Reinvigorating Indian Cinema

Aadarsh's vision for UVT-D2T transcends mere technological advancement; it's about revitalizing Indian cinemas. "Our goal is to reignite the glory of Indian cinemas by reopening dormant theatres and expanding the reach of films," he passionately shares. With the potential to significantly increase the number of cinema screens, UVT-D2T has the power to redefine the Indian film landscape, benefiting filmmakers, distributors, theatre owners, and audiences alike.


Empowering the Filmmaking Journey

Discussing the impact on filmmakers, Aadarsh's excitement is palpable. "UVT-D2T empowers filmmakers and distributors to become their own digital integrators," he asserts. This empowerment allows creators to oversee the entire distribution process, bypassing intermediaries and their associated costs. "Filmmakers can now control the processing-to-delivery journey, saving costs and gaining direct control," he explains.


Charting the Path Forward

As our conversation draws to a close, Aadarsh's closing remarks reflect his passion for the technology he champions. "UVT-D2T isn't just about technology; it's about democratizing film distribution. It's about equipping filmmakers with the tools they need to seamlessly reach audiences and maximize their revenues," he concludes. With UVT-D2T, the future of cinema distribution is not only streamlined and secure but also empowering and inclusive.

In a digital age where innovation drives progress, UVT-D2T shines as a beacon of promise, ushering in a new dawn for filmmakers, distributors, and theatre owners. As UVT Cinemas Pvt Ltd continues to lead the charge, it's evident that UVT-D2T is not just a technology; it's a revolution poised to redefine the way films are delivered and experienced, forging a new narrative in cinema distribution.

- Arun Kumar Kamal

Saturday, 12 October 2024

UVT CINEMAS की D2T तकनीक से सिनेमा घरों में दशहरा के मौक़े पर दिखाई जा रही है यशराज फिल्म्स की ७ सुपर हिट फ़िल्में




कुमार आदर्श
UVT CINEMAS के संस्थापक

UVT CINEMAS के संस्थापक तथा लेखक, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता कुमार आदर्श ने ये जानकारी दी है की यश राज फिल्म्स की ७ फिल्मो को भारत में पहली बार UVT CINEMAS की टेक्नोलोजी D2T के माद्यम से कई सिनेमाघरों में एक साथ दिखाया जा रहा है।  

उल्लेखनीय है की यश राज फिल्म्स द्वारा काफी समय से कुमार आदर्श की कंपनी UVT CINEMAS की  D2T टेक्नोलोजी को टेस्ट किया जा रहा था और पूरी तरह से ये जांचने के बाद की ये D2T टेक्नोलोजी पूरी तरह से सिक्योर है या नहीं आखिर में यश राज फिल्म्स ने अपनी ७ रोमांटिक फिल्मों को UVT CINEMAS को सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने के लिए दिया है।   

इसी कड़ी में यश राज रोमांटिक वीक में हर रोज़ एक रोमांटिक फिल्म को दिखाया जा रहा है। ये फिल्में है दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, दाग, डर, कभी कभी, चांदनी, मोहब्बतें और सिलसिला, जिन्हें भारत के कई सिनेमा घरों में एक साथ दिखाया जा रहा है। 

भारत में पहली बार CDC यानी  कंटेंट डिलीवरी चार्जेज और VPF यानी वर्चुअल प्रिंट फी के बिना अब फिल्म निर्माता अपनी फिल्मे घर बैठे फ्री में दुनिया भर में अपनी फिल्म रिलीज़ करा सकते हैं। 

ये सुविधा UVT CINEMAS की D2T (DIRECT TO THEATRE) टेक्नोलोजी द्वारा भारत में पहली बार शुरू कर दी गयी है। कुमार आदर्श ने UVT CINEMAS की D 2 T टेक्नोलोजी के माध्यम से सिनेमा जगत के इको सिस्टम को बदल दिया है। 

यही नहीं कुमार आदर्श फिल्म निर्माताओं, डिस्टीब्यूटर और थियेटर मालिकों के लिए थिएरटिकल एडवरटाइजिंग का नया बिजनेस मॉडल भी लेकर आये हैं जिससे सबको एक्स्ट्रा कमाई भी होगी। 

कुमार आदर्श की इस क्रन्तिकारी शुरुआत से भारत के सिंगल सिनेमाघर मालिकों को अपनी दशा बदलने के लिए एक नयी दिशा मिली है। कुमार आदर्श का उद्देश्य है सिंगल सिनेमा घरों को प्रमोट कर सस्ते दरों में भारत की गरीब जनता को सिनेमा के माध्यम से मनोरंजन उपलब्ध करना।

पुराने सिनेमाघरों की काया पलट करने के लिए कुमार आदर्श CINE RETAIL PLEX नाम से एक और नया बिज़नेस मॉडल भी लेकर आये हैं जिससे सिनेमा जगत से जुड़े लोगों के अलावा निम्न और माध्यम वर्गीय विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को भी रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। 

दशहरा के अवसर पर फिल्म उद्योग के लिए वरदान साबित हुए कुमार आदर्श कई सालों से UVT CINEMAS की D 2 T टेक्नोलोजी के लिए काम कर रहे थे और आखिर इस दसहरा के मौके पर यश राज फिल्म की फिल्मो से उन्होंने इसे बॉलीवुड को एक सौगात के रूप में अर्पण कर दिया।  

- अरुण कुमार कमल 







Wednesday, 18 September 2024

अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर द्वारा भारत बंद !


२१
 अगस्त २०२४ को अनुसूचित जाति  जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर और सहयोगी पार्टी  संस्थाओं द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया पेश है एक विशेष रिपोर्ट-

अनुसूचित जाति  जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर, भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी सहित तमाम पार्टियों और देश भर के विभिन्न संगठनों द्वारा 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का आह्वान किया गया जो की पूरी तरह से सफल रहा 

भारतीय दलित पैंथर उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष धनीराम बौद्ध के मार्गदर्शन में कानपूर नवाबगंज के चंद्रशेखर आज़ादकृषि विश्वविद्यालय के सामने स्थित डाक्टर आंबेडकर की मूर्ती के प्रांगण से लेकर फूलबाग के नानाराव पार्क स्थित डाक्टर आंबेडकर की मूर्ती तक शांतिपूर्ण जलूस निकलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

उल्लेखनीय है धनी राम बौद्ध के पैर में फ्रैक्चर होने के बाद भी वो व्हील चेयर पर बैठ कर कार्यक्रम में आये और उसी हालत में व्हीलचेयर पर बैठे बैठे ही पूरे कार्यक्रम को संचालित लिया।

कानपूर फूलबाग के नानाराव पार्क मे दलितों के विरोध प्रदर्शन का उत्साह तब देखने को मिला जब विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए लोग चंदा देने से भी पीछे नहीं रहे।

ऐसे में सवाल ये हैं कि भारत बंद का आयोजन क्यों किया गया ? कोर्ट का वो कौन-सा फैसला है, जिसका सारे दलित संगठन जोरदार विरोध कर हैं.. दलित संगठनों की क्या मांगे हैं? संघ लोक सेवा आयोग यानि (UPSC) में लेटरल एंट्री क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद का असर आखिर क्या रहा

पहले तो ये जानते हैं की आखिर क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

सुप्रीम कोर्ट ने एस सी-एस टी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, सभी एस सी और एस टी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। जैसे की सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एस सी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज् सरकारें एस सी-एस टी आरक्षण का वर्गीकरण यानि सब-क्लासिफिकेशन करके अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। और ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ साथ राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। और कहा कि राज्य सरकारें अपनी मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं हैं , इसमें भी दो शर्तें लागू होंगी।

आइये जानते हैं कि क्या हैं वो  शर्तें -

पहली शर्त- एस सी के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दिया जा सकता।

दूसरी शर्त-  एस सी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया था, जिनमें ये कहा गया था कि एस सी और एस टी के आरक्षण का फायदा उनमें शामिल कुछ ही जातियों को मिला है। इससे कई जातियां पीछे रह गई हैं। इसलिए उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोटे में कोटा होना चाहिए। इस दलील के आड़े 2004 का फैसला  रहा था, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण किया जा सकता है।

अब ये जानते हैं की कौन-कौन सी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर रहीं हैं ?

भारतीय दलित पैंथर सहित देशभर के दलित संगठनों द्वारा 21 अगस्त को भारत बंद का एलान किया गया। इस भारत बंद को बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद, भारत आदिवासी पार्टी के मोहन लात रोत के अलावा बहुत सारे दलित संगठनों का भी समर्थन मिला। साथ ही कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेता भी समर्थन में शामिल रहे।

किन राज्यों में भारत बंद के बारे मे ज्यादा सर्च किया गया ?

भारत बंद को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत देश भर में इसके बारे में गूगल पर काफी सर्च किया गया।

बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के अनुसार बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण के फैसले का पुरजोर विरोध किया। बहन जी के दिशानिर्देश में बी एस पी के नीला झंडा और हाथी निशान के बैनर तले 21 अगस्त 2024 को होने वाले भारत बंद में भरी तादात में दलित वर्ग के लोग शामिल हुए और और जनता को खासकर दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक और न्याय पसंद लोगों को उप वर्गीकरण के बारे में जागरूक किया।''

ज्ञात हो की दलित पैंथर उत्तर प्रदेश और   पा के सभी कार्यकर्ता अनुशासित एवं संवैधानिक तरीके से बड़ी संख्या में भारत बंद में शामिल हुए

आइये जानते हैं की आखिर क्या मांगे हैं भारत बंद करने वालों की ?

भारत बंद का आवाहन करने वाले दलित संगठनों की मांगे हैं कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे।

भारत बंद के दौरान क्या बंद रहा ?

भारत बंद को लेकर पुलिस-प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया।  विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिकारीयों ने व्यापक कदम उठाये।

गूगल ट्रेंड में भी रहा भारत बंद।

दलित संगठनों ने 21 अगस् २०२४ को 'भारत बंद' का आह्वान किया। इसका असर गूगल पर भी देखने को मिला। ये २१ अगस्त की सुबह से ही गूगल पर ट्रेंड कर रहा था 

कानपुर उत्तर प्रदेश से  एन आई की रिपोर्ट -











- अमित कुमार कमल