Thursday 17 October 2024

Cinema Digital Print Distribution: Ushering in a New Era with UVT-D2T

Kumar Aadarsh, the CEO of UVT Cinemas Pvt Ltd

The world of cinema distribution is on the brink of a revolution, and at the forefront of this transformation stands UVT-D2T. This cutting-edge technology, introduced by UVT Cinemas Pvt Ltd, promises to reshape how films are brought to the big screen. In an exclusive conversation with Kumar Aadarsh, the CEO of UVT Cinemas Pvt Ltd, we delve into the essence of this pioneering technology and its potential to redefine the cinema distribution landscape.

Empowering Filmmakers and Distributors

Aadarsh emphasizes that UVT-D2T is not just a technology; it's a paradigm shift in cinema distribution. "In the traditional model, distribution involves copyright authorities appointed by producers to manage their films' theatrical release. With UVT-D2T, we're turning the tables," he explains. This revolutionary technology empowers filmmakers and distributors to take charge of their films' distribution journey by digitally delivering their content directly to theaters.

Unparalleled Security

At the heart of UVT-D2T lies an unwavering commitment to security. Aadarsh underscores that UVT-D2T ensures a 100% secure content delivery process, safeguarding films from piracy and unauthorized access. "Our technology encrypts and plays films in real-time, eliminating the need for decrypted copies. This not only protects the essence of the content but also provides a fortified defense against potential piracy threats," he asserts. This robust security mechanism has the potential to redefine how filmmakers perceive content protection.


Financial Liberation for All Stakeholders

Aadarsh believes that UVT-D2T paves the way for financial empowerment like never before. "The traditional distribution model often incurred content delivery charges and virtual print fees. With UVT-D2T, we're breaking free from these shackles," he notes. This groundbreaking technology allows filmmakers and distributors to insert advertisements at strategic intervals, opening new avenues of revenue generation. This newfound financial flexibility could substantially impact the revenue generated by films, benefiting creators and distributors alike.


Powered by Industry Titans

The credibility of UVT-D2T is further reinforced by its collaborations with industry giants. Aadarsh proudly states, "Our technology is supported by Microsoft and approved by Google, showcasing the robustness and reliability of our solution." Moreover, partnerships with renowned entities such as Panasonic and Dell ensure that UVT-D2T's hardware and infrastructure meet the highest standards, guaranteeing seamless performance across the spectrum.


Reinvigorating Indian Cinema

Aadarsh's vision for UVT-D2T transcends mere technological advancement; it's about revitalizing Indian cinemas. "Our goal is to reignite the glory of Indian cinemas by reopening dormant theatres and expanding the reach of films," he passionately shares. With the potential to significantly increase the number of cinema screens, UVT-D2T has the power to redefine the Indian film landscape, benefiting filmmakers, distributors, theatre owners, and audiences alike.


Empowering the Filmmaking Journey

Discussing the impact on filmmakers, Aadarsh's excitement is palpable. "UVT-D2T empowers filmmakers and distributors to become their own digital integrators," he asserts. This empowerment allows creators to oversee the entire distribution process, bypassing intermediaries and their associated costs. "Filmmakers can now control the processing-to-delivery journey, saving costs and gaining direct control," he explains.


Charting the Path Forward

As our conversation draws to a close, Aadarsh's closing remarks reflect his passion for the technology he champions. "UVT-D2T isn't just about technology; it's about democratizing film distribution. It's about equipping filmmakers with the tools they need to seamlessly reach audiences and maximize their revenues," he concludes. With UVT-D2T, the future of cinema distribution is not only streamlined and secure but also empowering and inclusive.

In a digital age where innovation drives progress, UVT-D2T shines as a beacon of promise, ushering in a new dawn for filmmakers, distributors, and theatre owners. As UVT Cinemas Pvt Ltd continues to lead the charge, it's evident that UVT-D2T is not just a technology; it's a revolution poised to redefine the way films are delivered and experienced, forging a new narrative in cinema distribution.

- Arun Kumar Kamal

Saturday 12 October 2024

UVT CINEMAS की D2T तकनीक से सिनेमा घरों में दशहरा के मौक़े पर दिखाई जा रही है यशराज फिल्म्स की ७ सुपर हिट फ़िल्में




कुमार आदर्श
UVT CINEMAS के संस्थापक

UVT CINEMAS के संस्थापक तथा लेखक, निर्माता, निर्देशक और अभिनेता कुमार आदर्श ने ये जानकारी दी है की यश राज फिल्म्स की ७ फिल्मो को भारत में पहली बार UVT CINEMAS की टेक्नोलोजी D2T के माद्यम से कई सिनेमाघरों में एक साथ दिखाया जा रहा है।  

उल्लेखनीय है की यश राज फिल्म्स द्वारा काफी समय से कुमार आदर्श की कंपनी UVT CINEMAS की  D2T टेक्नोलोजी को टेस्ट किया जा रहा था और पूरी तरह से ये जांचने के बाद की ये D2T टेक्नोलोजी पूरी तरह से सिक्योर है या नहीं आखिर में यश राज फिल्म्स ने अपनी ७ रोमांटिक फिल्मों को UVT CINEMAS को सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने के लिए दिया है।   

इसी कड़ी में यश राज रोमांटिक वीक में हर रोज़ एक रोमांटिक फिल्म को दिखाया जा रहा है। ये फिल्में है दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे, दाग, डर, कभी कभी, चांदनी, मोहब्बतें और सिलसिला, जिन्हें भारत के कई सिनेमा घरों में एक साथ दिखाया जा रहा है। 

भारत में पहली बार CDC यानी  कंटेंट डिलीवरी चार्जेज और VPF यानी वर्चुअल प्रिंट फी के बिना अब फिल्म निर्माता अपनी फिल्मे घर बैठे फ्री में दुनिया भर में अपनी फिल्म रिलीज़ करा सकते हैं। 

ये सुविधा UVT CINEMAS की D2T (DIRECT TO THEATRE) टेक्नोलोजी द्वारा भारत में पहली बार शुरू कर दी गयी है। कुमार आदर्श ने UVT CINEMAS की D 2 T टेक्नोलोजी के माध्यम से सिनेमा जगत के इको सिस्टम को बदल दिया है। 

यही नहीं कुमार आदर्श फिल्म निर्माताओं, डिस्टीब्यूटर और थियेटर मालिकों के लिए थिएरटिकल एडवरटाइजिंग का नया बिजनेस मॉडल भी लेकर आये हैं जिससे सबको एक्स्ट्रा कमाई भी होगी। 

कुमार आदर्श की इस क्रन्तिकारी शुरुआत से भारत के सिंगल सिनेमाघर मालिकों को अपनी दशा बदलने के लिए एक नयी दिशा मिली है। कुमार आदर्श का उद्देश्य है सिंगल सिनेमा घरों को प्रमोट कर सस्ते दरों में भारत की गरीब जनता को सिनेमा के माध्यम से मनोरंजन उपलब्ध करना।

पुराने सिनेमाघरों की काया पलट करने के लिए कुमार आदर्श CINE RETAIL PLEX नाम से एक और नया बिज़नेस मॉडल भी लेकर आये हैं जिससे सिनेमा जगत से जुड़े लोगों के अलावा निम्न और माध्यम वर्गीय विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को भी रोज़गार के अवसर प्राप्त होंगे। 

दशहरा के अवसर पर फिल्म उद्योग के लिए वरदान साबित हुए कुमार आदर्श कई सालों से UVT CINEMAS की D 2 T टेक्नोलोजी के लिए काम कर रहे थे और आखिर इस दसहरा के मौके पर यश राज फिल्म की फिल्मो से उन्होंने इसे बॉलीवुड को एक सौगात के रूप में अर्पण कर दिया।  

- अरुण कुमार कमल 







Wednesday 18 September 2024

अनुसूचित जाति व जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर द्वारा भारत बंद !


२१
 अगस्त २०२४ को अनुसूचित जाति  जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर और सहयोगी पार्टी  संस्थाओं द्वारा भारत बंद का आयोजन किया गया पेश है एक विशेष रिपोर्ट-

अनुसूचित जाति  जनजाति आरक्षण में क्रीमीलेयर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ भारतीय दलित पैंथर, भीम आर्मी, बहुजन समाज पार्टी सहित तमाम पार्टियों और देश भर के विभिन्न संगठनों द्वारा 21 अगस्त 2024 को भारत बंद का आह्वान किया गया जो की पूरी तरह से सफल रहा 

भारतीय दलित पैंथर उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष धनीराम बौद्ध के मार्गदर्शन में कानपूर नवाबगंज के चंद्रशेखर आज़ादकृषि विश्वविद्यालय के सामने स्थित डाक्टर आंबेडकर की मूर्ती के प्रांगण से लेकर फूलबाग के नानाराव पार्क स्थित डाक्टर आंबेडकर की मूर्ती तक शांतिपूर्ण जलूस निकलकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया।

उल्लेखनीय है धनी राम बौद्ध के पैर में फ्रैक्चर होने के बाद भी वो व्हील चेयर पर बैठ कर कार्यक्रम में आये और उसी हालत में व्हीलचेयर पर बैठे बैठे ही पूरे कार्यक्रम को संचालित लिया।

कानपूर फूलबाग के नानाराव पार्क मे दलितों के विरोध प्रदर्शन का उत्साह तब देखने को मिला जब विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए लोग चंदा देने से भी पीछे नहीं रहे।

ऐसे में सवाल ये हैं कि भारत बंद का आयोजन क्यों किया गया ? कोर्ट का वो कौन-सा फैसला है, जिसका सारे दलित संगठन जोरदार विरोध कर हैं.. दलित संगठनों की क्या मांगे हैं? संघ लोक सेवा आयोग यानि (UPSC) में लेटरल एंट्री क्यों सवालों के घेरे में है? भारत बंद का असर आखिर क्या रहा

पहले तो ये जानते हैं की आखिर क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला ?

सुप्रीम कोर्ट ने एस सी-एस टी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, सभी एस सी और एस टी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं। कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं। जैसे की सीवर की सफाई और बुनकर का काम करने वाले। ये दोनों जातियां एस सी में आती हैं, लेकिन इस जाति के लोग बाकियों से अधिक पिछड़े रहते हैं। इन लोगों के उत्थान के लिए राज् सरकारें एस सी-एस टी आरक्षण का वर्गीकरण यानि सब-क्लासिफिकेशन करके अलग से कोटा निर्धारित कर सकती है। और ऐसा करना संविधान के आर्टिकल-341 के खिलाफ नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा निर्धारित करने के फैसले के साथ साथ राज्यों को जरूरी हिदायत भी दी। और कहा कि राज्य सरकारें अपनी मनमर्जी से यह फैसला नहीं कर सकतीं हैं , इसमें भी दो शर्तें लागू होंगी।

आइये जानते हैं कि क्या हैं वो  शर्तें -

पहली शर्त- एस सी के भीतर किसी एक जाति को 100% कोटा नहीं दिया जा सकता।

दूसरी शर्त-  एस सी में शामिल किसी जाति का कोटा तय करने से पहले उसकी हिस्सेदारी का पुख्ता डेटा होना चाहिए।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुनाया था, जिनमें ये कहा गया था कि एस सी और एस टी के आरक्षण का फायदा उनमें शामिल कुछ ही जातियों को मिला है। इससे कई जातियां पीछे रह गई हैं। इसलिए उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए कोटे में कोटा होना चाहिए। इस दलील के आड़े 2004 का फैसला  रहा था, जिसमें कहा गया था कि अनुसूचित जातियों का वर्गीकरण किया जा सकता है।

अब ये जानते हैं की कौन-कौन सी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर रहीं हैं ?

भारतीय दलित पैंथर सहित देशभर के दलित संगठनों द्वारा 21 अगस्त को भारत बंद का एलान किया गया। इस भारत बंद को बहुजन समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती, भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद, भारत आदिवासी पार्टी के मोहन लात रोत के अलावा बहुत सारे दलित संगठनों का भी समर्थन मिला। साथ ही कांग्रेस समेत कुछ पार्टियों के नेता भी समर्थन में शामिल रहे।

किन राज्यों में भारत बंद के बारे मे ज्यादा सर्च किया गया ?

भारत बंद को लेकर राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ समेत देश भर में इसके बारे में गूगल पर काफी सर्च किया गया।

बसपा के महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के अनुसार बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन मायावती ने सुप्रीम कोर्ट के उप वर्गीकरण के फैसले का पुरजोर विरोध किया। बहन जी के दिशानिर्देश में बी एस पी के नीला झंडा और हाथी निशान के बैनर तले 21 अगस्त 2024 को होने वाले भारत बंद में भरी तादात में दलित वर्ग के लोग शामिल हुए और और जनता को खासकर दलित, शोषित, वंचित, अल्पसंख्यक और न्याय पसंद लोगों को उप वर्गीकरण के बारे में जागरूक किया।''

ज्ञात हो की दलित पैंथर उत्तर प्रदेश और   पा के सभी कार्यकर्ता अनुशासित एवं संवैधानिक तरीके से बड़ी संख्या में भारत बंद में शामिल हुए

आइये जानते हैं की आखिर क्या मांगे हैं भारत बंद करने वालों की ?

भारत बंद का आवाहन करने वाले दलित संगठनों की मांगे हैं कि सुप्रीम कोर्ट कोटे में कोटा वाले फैसले को वापस ले या पुनर्विचार करे।

भारत बंद के दौरान क्या बंद रहा ?

भारत बंद को लेकर पुलिस-प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया।  विरोध प्रदर्शन के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी अधिकारीयों ने व्यापक कदम उठाये।

गूगल ट्रेंड में भी रहा भारत बंद।

दलित संगठनों ने 21 अगस् २०२४ को 'भारत बंद' का आह्वान किया। इसका असर गूगल पर भी देखने को मिला। ये २१ अगस्त की सुबह से ही गूगल पर ट्रेंड कर रहा था 

कानपुर उत्तर प्रदेश से  एन आई की रिपोर्ट -











- अमित कुमार कमल